dhatu se sambandhit mahatvpurn tathya।धातुओं से संबंधित विविध तथ्य

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dhatu se sambandhit mahatvpurn tathya:- ।धातुओं से संबंधित विविध तथ्य जानकारी का अध्ययन करेंगे जो अक्सर प्रतियोगिता परीक्षा में से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं

dhatu se sambandhit mahatvpurn tathya

➡️धातुओं का राजा सोना को कहा जाता है।

➡️पृथ्वी के केन्द्रीय भाग (core) में सबसे अधिक निकेल पाया जाता है, दूसरे स्थान पर पाया जाने वाला धातु लोहा है।
➡️टंगस्टन का संकेत W होता है। [गलनांक लगभग 3500°C]
➡️भारत में टंगस्टन का उत्पादन राजस्थान स्थित देगाना (Degana) खान होता है।
➡️टंगस्टन तंतु के उपचयन को रोकने के लिए बिजली के बल्ब से हवा निकाल दी जाती है।
➡️ जिरकोनियम धातु ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन दोनों में जलते हैं।
➡️बेडीले आइट जिरकोनियम का अयस्क है।

➡️ न्यूट्रॉनों को अवशोषित करने के गुणों के कारण जिरकोनियम कैडमियम एवं बोरॉन का उपयोग नाभिकीय रिएक्टर में किया जाता है।
➡️बेराइल (Baryl) बेरीलियम धातु का मुख्य अयस्क है।

➡️फ्रांसियम एक रेडियोसक्रिय द्रव धातु है।.

➡️ स्टेनस सल्फाइड (SnS,) को मोसाइक गोल्ड (Mosaic gold) कहते हैं, इसका प्रयोग पेंट के रूप में किया जाता है। टिन अपरूपता प्रदर्शित करता है।

➡️सोडियम धातु का संग्रहण मिट्टी के तेल में करना चाहिए।

➡️सोडियम का प्रयोग परावर्तक लैम्पों में किया जाता है जो सड़कों पर या पार्किंग में रोशनी के लिए लगाए जाते हैं।

➡️बिना बुझे चूने का रासायनिक नाम कैल्सियम ऑक्साइड है। शल्य क्रिया में पट्टियों के रूप में कैल्सियम सल्फेट का प्रयोग किया जाता है।

➡️प्लास्टर आफ पेरिस जिप्सम से बनता है।

➡️ एस्बेस्टॉस कैल्सियम और मैग्नीशियम से बनती है।

➡️ बेरियम को वैराइटा वाटर कहते हैं।.

➡️ बेरियम सल्फेट (Barium sulphate) का उपयोग बेरियम मील के रूप में उदर के X-ray में होता है।

➡️आतिशबाजी के दौरान हरा रंग बेरियम की उपस्थिति के कारण तथा लाल चटक रंग (crimson red colour) स्ट्रॉन्शियम (Sr) की उपस्थिति के कारण उत्पन्न होता है।

➡️लीथियम सबसे हल्का धात्विक तत्व है। यह सबसे प्रबल अपचायक होता है।
➡️ चांदी (Ag), सोना (Au), तांबा (Cu), प्लेटिनम (Pt) एवं बिस्मथ (Bi) अपने कम अभिक्रियाशीलता के कारण स्वतंत्र अवस्था में पाये जाते हैं।

➡️ गोल्ड, प्लेटिनम, सिल्वर तथा मरकरी उत्कृष्ट धातुएँ हैं।

➡️ धातुओं में सबसे अधिक आघातवर्ध्य सोना (Au) व चांदी (Ag) होते हैं।

➡️पारा व लोहा विद्युत् धारा के प्रवाह में अपेक्षाकृत अधिक प्रतिरोध उत्पन्न करते हैं।

➡️ चांदी एवं तांबा विद्युत् धारा का सर्वोत्तम चालक है। एल्युमिनियम का सर्वप्रथम पृथक्करण 1827 ई. में हुआ था।

➡️ कार्नोटाइट का रासायनिक नाम पोटैशियम यूरेनिल वेन्डेट होता है।

➡️कैंसर रोग के इलाज में कोबाल्ट के समस्थानिक का उपयोग होता है।

➡️ सोडियम पर ऑक्साइड का उपयोग पनडुब्बी जहाजों तथा अस्पताल आदि की बंद हवा को शुद्ध करने में होता है।

➡️ग्रीनोकाइट कैडमियम का अयस्क है। > कैडमियम का प्रयोग नाभिकीय रिएक्टरों में न्यूट्रॉन मंदक के रूप में संग्राहक बैटरियों में व निम्न गलनांक की मिश्रधातु बनाने में होता है।
➡️ एक्टिनाइड (Actinides) रेडियोसक्रिय तत्वों का समूह होता है।
➡️ विश्व प्रसिद्ध एफिल टावर का आधार स्टील व सीमेंट का बना है।
➡️ धुलियम का संकेत Tm होता है।

➡️रेडियम का निष्कर्षण पिंचलैंड से किया जाता है। मैडम क्यूरी ने पिंचलैंड से ही रेडियम का निष्कर्षण किया था।

➡️ वायुयान के निर्माण में पेलेडियम धातु प्रयुक्त होती है।

➡️ गैलियम धातु कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में पाया जाता है।
➡️ सेलीनियम धातु का उपयोग फोटो इलेक्ट्रीक सेल में होता है।

➡️साइटोक्रोम (Cytochrome) में लोहा उपस्थित होता है।

➡️ जिओलाइट (Zeolite) का प्रयोग जल को मृदु बनाने में किया जाता है।

➡️ टिन अपरूपता प्रदर्शित करता है।

➡️अधिकांश संक्रमण धातु (Transition elements) और उनके  यौगिक रंगीन होते हैं।

➡️सबसे भारी (Heavy) धातु ओसमियम, सबसे मजबूत (Strongest) धातु टंगस्टन एवं कठोर (Hardest) धातु क्रोमियम है।
➡️ पोटैशियम कार्बोनेट (K_CO) को पर्ल एश (Pearl Ash) कहते हैं।

➡️नाइक्रोम (Nichrome) निकेल, क्रोमियम और आयरन का मिश्रधातु है। विद्युत् हीटर की कुंडली नाइक्रोम की ही बनी होती है।

➡️क्रोमिक अम्ल का रासायनिक नाम क्रोमियम ट्राइऑक्साइड है।

➡️ब्रिटेनिया धातु (Britannia metal) एण्टिमनी (Sb), तांबा व टिन Sn) की मिश्रधातु है।

➡️ बारूद 75% पोटैशियम नाइट्रेट, 10% गंधक व 15% चारकोल एवं अन्य पदार्थों का मिश्रण होता है।

➡️ बैबिट धातु (Babbitt metal) में 89% टिन, 9% एण्टिमनी व 2% तांबा होता है।
➡️समूह -1 के तत्व क्षार धातुएँ (Alkali metals) कहलाते हैं एवं इसके हाइड्रॉक्साइड क्षारीय होते हैं जबकि समूह-II के तत्व क्षारीय मृदा धातुएँ (Alkaline earth metals) कहलाते हैं।

➡️टाइटेनियम को रणनीतिक धातु (Strategic metal) कहते हैं, क्योंकि इसका उपयोग रक्षा उत्पादन में होता है। यह इस्पात के बराबर मजबूत लेकिन भार में उसका आधा गुण वाला धातु है। वायुयान का फ्रेम तथा इंजन बनाने में, नाभिकीय रिएक्टरों में इसका उपयोग होता है।

➡️फ्लैश बल्बों में नाइट्रोजन गैस के वायुमंडल में मैग्नेशियम का तार रखा रहता है।
➡️ एल्युमिनियम हाइड्रॉक्साइड, कपड़ों को अदाय बनाने जलरोधी कपड़े तैयार करने में उपयोग किया जाता है।

➡️कैल्सियम कार्बाइड पर जल की प्रतिक्रिया से एसीटिलीन गैस उत्पन्न होती है।
➡️ पिटवाँ लोहा (Wrought iron) में कार्बन की मात्रा सबसे कम
(0.12-0.25%) रहती है। अतः यह अपेक्षाकृत शुद्ध होता है। ➡️आयरन (III) ऑक्साइड (Fe,O) के साथ एल्युमिनियम की अभिक्रिया का उपयोग रेल की पटरी एवं मशीनी पुर्जों की दरारों को जोड़ने के लिए किया जाता है। इस अभिक्रिया को थर्मिट अभिक्रिया कहते हैं।

➡️शरीर में लोहे की कमी से एनीमिया तथा अधिकता से लौहमयता रोग होता है। अफ्रीका के बाँटू आदिवासियों में लौहमयता (Siderosis) रोग पाया जाता है। ऐसा उनमें लोहे का बर्तन में बीयर सेवन के कारण होता है।

➡️कैल्सियम फॉस्फेट मानव हड्डियों में सर्वाधिक मात्रा में पाया जाता है।

➡️टिन की अधिक मात्रा युक्त काँसा को श्वेत काँसा कहते हैं। जिंक फॉस्फाइड का उपयोग चूहा विष के रूप में होता है।
➡️ लकड़ी की वस्तुओं को कीड़ों से बचाने के लिए उस पर जिंकनक्लोराइड का किया जाता है।

➡️जिंक ऑक्साइड को जस्ते का फूल कहते हैं। इसका ह्वाइट अथवा चाइनीज ह्वाइट के नाम से सफेद पेंटों में प्रयोग किया जाता है। इसका उपयोग मरहम तथा चेहरे के क्रीम बनाने में किया जाता है।
➡️ सिल्वर क्लोराइड (AgCI) को हॉर्न सिल्वर कहा जाता है। इसका उपयोग फोटोक्रोमेटिक काँच बनाने में होता है।

➡️सिल्वर आयोडाइड का उपयोग कृत्रिम वर्षा कराने में होता है। सिल्वर नाइट्रेट (AgNO) का प्रयोग निशान लगाने वाली स्याही बनाने में किया जाता है। मतदान के समय मतदाताओं की अंगुलियों पर इसी का निशान लगाया जाता है। सूर्य की प्रकाश में अपघटित हो जाने के कारण इसे रंगीन बोतलों में रखा जाता है। सिल्वर ब्रोमाइड (AgBr) का उपयोग फोटोग्राफी में होता है।
➡️ चाँदी के चम्मच से अंडा खाना वर्जित रहता है, क्योंकि चाँदी अंडे में उपस्थित गंधक से प्रतिक्रिया कर काले रंग का सिल्वर सल्फाइड (AgæS) बनाती है, जिससे चम्मच नष्ट हो जाता है।
➡️सोना को कठोर बनाने के लिए उसमें ताँबा या चाँदी मिलाया जाता है। शुद्ध सोना 24 कैरेट का होता है। आभूषण बनाने के लिए 22 कैरेट सोने का उपयोग होता है।
➡️आयरन पायराइट्स (FeS2) को झूठा सोना या बेवकूफों का सोना कहते हैं।
कहते हैं।
➡️स्वर्ण लेपन में पोटैशियम ओरिसायनाइड का प्रयोग विद्युत् अपघट् के रूप में होता है।

➡️ऑरिक क्लोराइड का उपयोग सर्प विषरोधी सूई बनाने में होता है।
➡️प्लैटिनम को ‘सफेद सोना’ कहा जाता है।

➡️पारा को धिवक सिल्वर के नाम से भी जाना जाता है। इसका निष्कर्षण
मुख्यतः सिनेबार से होता है। पारा को लौह पात्र में रखा जाता है, क्योंकि यह लोहे के साथ अमलगम नहीं बनाता है। ट्यूब लाइट में सामान्यतः पारा का वाष्प और आर्गन गैस भरी रहती है।

➡️सीसा सबसे अधिक स्थायी तत्व है। इसका उपयोग कागज पर लिखने में होता है।

➡️लेड आर्सेनिक नामक मिश्रधातु का उपयोग गोली बनाने में होता है। कार्बन सीसा का उपयोग कृत्रिम अंगों के निर्माण में होता है।
➡️लेड ऑक्साइड को लीथार्ज कहा जाता है, जो एक उभयधर्मी ऑक्साइड है। इसका उपयोग रबर उद्योग में, स्टोरेज बैटरी के निर्माण में तथा फ्लिण्ट काँच बनाने में होता है।
➡️बेसिक लेड कार्बोनेट को ह्वाइट लेड कहा जाता है। इसे सफेद के नाम से भी जाना जाता है।
➡️हेड टेट्राइथाइल का उपयोग अपस्फोटन रोकने में किया जाता है।

➡️हेड पाइप पीने के जल को ले जाने के
लिए उपयुक्त नहीं होते हैं, क्योंकि ये वायु मिश्रित जल के साथ घुल कर विषैले लेड हाइड्रॉक्साइड उत्पन्न करते हैं।
➡️विद्युत उपकरणों में प्रयुक्त होने वाला फ्यूज तार लेड और टिन से बना मिश्रधातु होता है।

धातुओं से संबंधित विविध तथ्य

➡️यूरेनियम को आशा धातु कहा जाता है। भारत में यूरेनियम का सर्वाधिक उत्पादन झारखंड में होता है।
➡️यूरेनियम का समस्थानिक  रेडियो सक्रियता प्रदर्शित नहीं करता है।
➡️यूरेनियम कार्बाइड का उपयोग हैबर विधि में अमोनिया के उत्पादन में उत्प्रेरक के रूप में किया जाता है।
➡️ यूरेनियम का उपयोग परमाणु ऊर्जा के उत्पादन में होता है।

➡️यूरेनियम के नाइट्रेट एवं एसीटेट का उपयोग फोटोग्राफी में होता है।
➡️यूरेनियम धातु का निष्कर्षण मुख्यतः उसके अयस्क पिंचलैंड से किया जाता है।

➡️प्लूटोनियम एक भारी रेडियोसक्रिय धातु है। यह एक्टीनाइड श्रेणी का सदस्य है। इसका उपयोग परमाणु बम बनाने में होता है। नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बम इसी से बने हुए थे।
➡️ हरा कसीस (Green vitriol) फेरस सल्फेट (FeSO7H,O) को कहते हैं। इसे रोमन विट्रोल (Roman vitriol) भी कहते हैं।
➡️उजला थोथा (White vitriol) जिंक सल्फेट (ZnSO,7H2O)
को कहते हैं।
➡️नीला थोथा (Blue Vitriol) कॉपर सल्फेट (CuSO SH,O) को कहते है। इसे तूतिया भी कहा जाता है।
लाल थोथा (Red vitriol) कोबाल्ट सल्फेट (CoSo, 7H,O)
को कहते हैं।
➡️जिंक फॉस्फाइड का उपयोग कृंतकनाशी, चूहा मारने वाले दवा के रूप में किया जाता है।

➡️जिंक फॉस्फेट रंगने का काम आने वाला तीखा पदार्थ है।
– क्विक सिल्वर, पारा (Hg) को कहा जाता है। यह सदा किसी भी अमलगम का एक घटक होता है।
➡️मोनाजाइट बालू में थोरियम पाया जाता है।

धातुओं से संबंधित विविध तथ्य

➡️मोबाइल फोन बैटरियों में मुख्यतः लीथियम धातु का प्रयोग किया जाता है।

➡️प्याज लहसुन में गंध पोटैशियम की उपस्थिति के कारण होती है।
➡️पोटैशियम ब्रोमाइड का प्रयोग फोटोग्राफी में, मोनो पोटैशियम टार्टरेट का प्रयोग बेकरी में, पोटैशियम सल्फेट का प्रयोग उर्वरक के रूप में व पोटैशियम नाइट्रेट का उपयोग बारूद बनाने में किया जाता है।

➡️ मोती की रासायनिक संरचना है-कैल्सियम कार्बोनेट
माणिक्य एवं नीलम एल्युमिनियम के ऑक्साइड (AI,0) है।
लेकिन माणिक्य का लाल रंग क्रोमियम ऑक्साइड के कारण होता है।.

➡️माणिक्य एवं नीलम एल्युमिनियम के ऑक्साइड (AI,O,) है। लेकिन माणिक्य का लाल रंग क्रोमियम ऑक्साइड के कारण होता है। > ऑडियो एवं वीडियो टेप पर आयरन ऑक्साइड का लेप रहता है।

➡️लेड पेंसिल में लेड का प्रतिशत शून्य होता है।

➡️बोरेक्स या सुहागा का रासायनिक नाम सोडियम टेट्राबोरेट (Na | B O (OH) 8H,O) है। इसमें सूजन को कम करने वाले, कसैले, रोगाणुरोधी, बलगम निकालने वाले गुण पाए जाते हैं। ➡️ प्लूटोनियम नामक तत्व सबसे पहले कृत्रिम रूप से उत्पादित किया गया। इसकी खोज से संबंधित वैज्ञानिक हैं- ग्लेन टी. सीबोर्ग,
आर्थर वाहूल, जोसेफ डब्लू केनेडी एवं इडयिन मैकमिलन।

➡️कैल्सियम ऑक्साइड का प्रयोग शुष्क के रूप में होता है। > परमाण्वीय घड़ियों में एक टाइमकीपर के रूप में सीजियम का
प्रयोग किया जाता है।

➡️एल्युमिनियम उभयधर्मी ऑक्साइड बना सकता है।

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Categories GK
Rakesh Prajapati

Rakesh Prajapati, a seasoned educator with five years of valuable teaching experience, brings a wealth of expertise to the field. Armed with a B.Ed degree, he possesses a strong foundation in pedagogical practices. Alongside his teaching role, Rakesh is the visionary founder of pdfstore.co.in, demonstrating not only his commitment to education but also his entrepreneurial spirit in making educational resources more accessible. His extensive experience and innovative contributions underscore his dedication to the field of education.

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