Pratham Vishwa Yudh se sambandhit mahatvpurn tathya।प्रथम विश्व युद्ध से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य

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Pratham Vishwa Yudh se sambandhit mahatvpurn tathya:- जहां पर आप प्रथम विश्व युद्ध से संबंधित तथ्य का अध्ययन करेंगे जो प्रतियोगिता परीक्षा में अक्सर पूछे जाते हैं

Pratham Vishwa Yudh se sambandhit mahatvpurn tathya

➡️प्रथम विश्वयुद्ध की शुरुआत 28 जुलाई 1914 को ऑस्ट्रेलिया द्वारा सर्बिया पर आक्रमण किए जाने के साथ हुई

➡️ यह युद्ध 4 वर्षों तक चला जिसमें 37 देशों ने भाग लिया

➡️ प्रथम विश्व युद्ध का तत्कालीन कारण ऑस्ट्रेलिया के राजकुमार आर्क ड्यूक फर्नांडिस फर्नांडीस बोस्निया की सेरोजेवो मैं 28 जून 1914 को की गई हत्या थी

➡️ प्रथम विश्व युद्ध में संपूर्ण विश्व दो खेमों में बांट गया- मित्र राष्ट्र एवं धुरी राष्ट्र

➡️ धुरी राष्ट्र का नेतृत्व जर्मनी ने किया इसमें शामिल अन्य देश थे -ऑस्ट्रेलिया अंग्रेजों, हंगरी, तुर्की, इटली और बुल्गारिया

➡️ मित्र राष्ट्र में इंग्लैंड जापान संयुक्त राज्य अमेरिका रोज एवं फ्रांस शामिल था

➡️ गुप्त संधियों की प्रणाली एवं यूरोप में गोटा गुटबंदी का जनक जर्मनी के चांसलर बिस्मार्क को माना जाता है

➡️ आस्ट्रिया, जर्मनी एवं इटली के बीच त्रिगुट का निर्माण 1882 ई. में हुआ

➡️ त्रिगुट का सदस्य होने के व बावजूद इटली कुछ समय तक तटस्थ रहा और अन्ततः वह 26 अप्रैल, 1915 को ऑस्ट्रिया हंगरी और जर्मनी के खिलाफ युद्ध में शामिल हुआ।

➡️सर्बिया की गुप्त क्रांतिकारी संस्था थी— काला हाथ

➡️रूस जापान युद्ध (1904-05 ई.) का अन्त अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट की मध्यस्थता से हुआ।

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➡️ मोरक्को संकट 1906 ई. में पैदा हुई ।

➡️प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान जर्मनी ने रूस पर आक्रमण 1 अगस्त, 1914 ई. में एवं फ्रांस पर आक्रमण 3 अगस्त, 1914 ई. में किया।

➡️4 अगस्त, 1914 ई. को इंग्लैंड प्रथम विश्वयुद्ध में शामिल हुआ।

➡️26 अप्रैल, 1915 ई. को इटली मित्र राष्ट्रों की ओर से प्रथम विश्वयुद्ध में शामिल हुआ।

➡️प्रथम विश्वयुद्ध के समय अमेरिका का राष्ट्रपति वुडरो विल्सन था।

➡️अमेरिका 6 अप्रैल, 1917 ई. को प्रथम विश्वयुद्ध में शामिल हुआ।

➡️ जर्मनी के यू-बोट द्वारा इंग्लैंड के लूसीतानिया नामक जहाज को डुबाने के बाद अमेरिका प्रथम विश्वयुद्ध में शामिल हुआ, क्योंकि उस जहाज पर मरनेवाले 1153 व्यक्तियों में 128 व्यक्ति अमेरिकी थे।

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➡️ जुलाई 1918 में ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका ने संयुक्त सैनिक अभियान आरंभ किया और जर्मनी तथा उनके सहयोगी देशों की हार होने लगी। सितम्बर, 1918 में बुल्गारिया, अक्टूबर, 1918 में तुर्की तथा 3 नवम्बर, 1918 की ऑस्ट्रेलिया तथा हंगरी के सम्राट ने आत्मसमर्पण कर दिया।

➡️जर्मन सम्राट् कैंसर विलियम द्वितीय ने 10 नवम्बर, 1918 ई. क अपने पद से इस्तीफा दे दिया और हॉलैण्ड भाग गया। ऐस अवस्था में समाजवादी प्रजातांत्रिक दल ने सत्ता अपने हाथों में लेकर एकतंत्र के स्थान पर गणतंत्र की स्थापना की और अपने नेता फ्रेडरिक एबर्ट को जर्मनी चांसलर बनाया, जिसने नवम्बर, 1918 को युद्ध विराम की संधि पर हस्ताक्षर कर दिय फलस्वरूप प्रथम विश्व युद्ध समाप्त हुआ।

➡️जर्मन सम्राट् कैंसर विलियम द्वितीय ने 10 नवम्बर, 1918 ई. को अपने पद से इस्तीफा दे दिया और हॉलैण्ड भाग गया। ऐसी अवस्था में समाजवादी प्रजातांत्रिक दल ने सत्ता अपने हाथों में लेकर एकतंत्र के स्थान पर गणतंत्र की स्थापना की और अपने नेता फ्रेडरिक एबर्ट को जर्मनी का चांसलर बनाया, जिसने 11 नवम्बर, 1918 को युद्ध विराम की संधि पर हस्ताक्षर कर दिया फलस्वरूप प्रथम विश्व युद्ध हुआ।

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➡️18 जून, 1919 ई. को पेरिस शांति सम्मेलन हुआ, जिसमें 27 देश भाग ले रहे थे, मगर शांति संधियों की शर्तें केवल तीन देश-ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका तय कर रहे थे।

➡️पेरिस शांति सम्मेलन में शांति संधियों की शर्तें निर्धारित करने में जिन राष्ट्राध्यक्षों ने मुख्य भूमिका निभाई, वे थे—अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री लॉयड जॉर्ज और फ्रांस के प्रधानमंत्री जॉर्ज क्लेमेसो।

➡️ वर्साय की संधि 28 जून, 1919 ई. को जर्मनी के साथ हुई संधि के तहत् जर्मनी की सेना 1 लाख तक सीमित कर दी गयी। उससे वायुसेना एवं पनडुब्बियों रखने के अधिकार छीन लिए गए। जर्मनी के सारे उपनिवेश विजित राष्ट्रों ने आपस में बाँट लिए।

➡️युद्ध के हर्जाने के रूप में जर्मनी से 6 अरब 10 करोड़ पौंड की राशि की माँग की गयी।

➡️अन्तरराष्ट्रीय क्षेत्र में प्रथम विश्वयुद्ध का सबसे बड़ा योगदान
राष्ट्रसंघ की स्थापना थी।

➡️प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान होनेवाली वर्साय की संधि में द्वितीय विश्वयुद्ध का बीजारोपण हुआ।.

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Rakesh Prajapati

Rakesh Prajapati, a seasoned educator with five years of valuable teaching experience, brings a wealth of expertise to the field. Armed with a B.Ed degree, he possesses a strong foundation in pedagogical practices. Alongside his teaching role, Rakesh is the visionary founder of pdfstore.co.in, demonstrating not only his commitment to education but also his entrepreneurial spirit in making educational resources more accessible. His extensive experience and innovative contributions underscore his dedication to the field of education.

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