2011 Census of India in hindi, भारत की जनगणना 2011

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2011 Census of India in hindi : भारत की जनगणना के बारे  यहाँ आप अध्ययन करेंगे जो अक्सर प्रतियोगिता परीक्षा में पूछे जाते हैं ।यह जानकारी आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला तो इस आर्टिकल को बिना छुरे पूरा अवश्य पढ़ें तथा यह पोस्ट अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों को शेयर जरूर करें और हमारे टेलीग्राम ग्रुप से जॉइन अवश्य करें।।

2011 Census of India in hindi

भारतीय संविधान की धारा-246 के अनुसार देश की जनगणना कराने का दायित्व संघ सरकार को सौंपा गया है। यह विधान की सातवीं अनुसूची की क्रम संख्या-69 पर अंकित है। जनगणना संगठन केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन कार्यरत है जिसका उच्चतम अधिकारी भारत का महापंजीयक एवं जनगणन आयुक्त (Registar General and Census Commissioner of India) होता है। यह देश भर में जनगणना संबंधी कार्यों को निर्देशित करता है तथा जनगणना के आँकड़ों को जारी करता है। वर्तमान में भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त डॉ. सी. चन्द्रमौली हैं। इनसे पूर्व इस पद पर देवेन्द्र कुमार सिकरी (2004 से 2009 ई. तक) थे।

2011 ई. की जनगणना यानी 15वीं जनगणना (स्वतंत्र भारत की 7वीं जनगणना) की शुरुआत महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त के द्वारा 1 अप्रैल 2010 ई. से हुई है।

सितम्बर, 2010 ई. को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने जाति आधारित जनगणना (1931 ई. के बाद पहली बार) की स्वीकृति प्रदान कर दी, जो अलग से जून, 2011 से सितम्बर, 2011 ई. के बीच सम्पन्न हुई। जनगणना 2011 ई. का शुभंकर प्रगणक शिक्षिका थी तथा इसका आदर्श वाक्य था हमारी जनगणना हमारा भविष्य।

जनगणना 2011 ई. के तहत देश में पहली बार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR-National Population Resister) तैयार किया जा रहा है, जिसमें देश के सभी नागरिकों के कुल 15 विवरण दर्ज कराने के अतिरिक्त 15 वर्ष एवं इससे ऊपर की वय के सभी नागरिकों के बायोमीट्रिक्स आँकड़े एकत्र किये जा रहे हैं।

2001 ई. की जनगणना में भारत का प्रशासनिक विभाजन 593 जिलों में किया गया था जबकि 2011 ई. की जनगणना में यह विभाजन 640 जिलों में किया गया है। स्पष्ट है कि एक दशक की अवधि (2001-2011 ई.) में कुल 47 नये जिले बने।

महान विभाजक वर्ष भारत के जनांकिकीय इतिहास में 1921 ई. को महान विभाजक की संज्ञा दी जाती है। 1911 से 1921 ई. के दौरान भारत में जनसंख्या की दशकीय वृद्धि ऋणात्मक (-0.31% ) हो गई यी फलस्वरूप इस दशक में भारत की जनसंख्या में 27 लाख की कमी आई। इसीलिए 1921 ई. की विभाजक वर्ष की संज्ञा दी गई है।

9भारत की जनसंख्या में सर्वाधिक औसत वार्षिक घातीय वृद्धि दर 1961-71 ई. के दौरान दर्ज की गयी थी

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NOTE

भारत में जनगणना की शुरुआत 1872 में लोई मेयो के कार्यकाल में हुई। भारत में नियमित जनगणना की शुरुआत 1881 ई. में लॉर्ड रिपन के कार्यकाल में हुई थी। 1881 ई. में जनगणना आयुक्त W.W प्लोडन थे, वहीं स्वतंत्र भारत के पहली जनगणना-1951 ई. के समय जनगणना आयुक्त R.A. गोपालास्वामी (1949-53 ई.) थे।
आधुनिक विश्व में सर्वप्रथम व्यवस्थित रूप से जनगणना कराने का श्रेय स्वीडेन को है। जहाँ 1749 ई. में पहली बार जनगणना कराई गयी थी। दशकीय जनगणना की शुरुआत 1790 ई. से अमेरिका में हुई। 1801 ई. में इंग्लैंड में जनगणना प्रारंभ हुई।
राष्ट्रीय जनसंख्या नीति-2000 ई. के अनुसार वर्ष 2015 ई. तक जनसंख्या स्थिरता प्राप्त करने का लक्ष्य है।

जनगणना से संबंधित महत्वपूर्ण परिभाषा

1. जनसंख्या घनत्व (Density of Population) जनसंख्या घनत्व का तात्पर्य प्रति वर्ग किमी में निवासित औसत जनसंख्या से है।

जनसंख्या घनत्व =कुल जनसंख्या/कुल क्षेत्रफल

2. लिंगानुपात (Sex Ratio): प्रति 1000 पुरुषों की तुलना में स्त्रियों की संख्या को लिंगानुपात कहते हैं।

लिंगानुपात = स्त्रियों की संख्या /पुरुषों की संख्या x 1000

3. शिशु लिंगानुपात (0-6 वर्ष) जनसंख्या में 0-6 आयु समूह में प्रति 1000 पुरुषों की तुलना में उसी आयु समूह में स्त्रियों की संख्या कको शिशु लिंगानुपात (CSR) कहा जाता है।

शिशु लिंगानुपात (0-6 वर्ष) =बालिकाओं की संख्या (0-6) / बालकों की संख्या (0-6) x 1000

4. साक्षरता दर (Literacy Rate) सात वर्ष और उससे अधिक आयु का जो व्यक्ति किसी भाषा को समझ सकता हो और उसे लिख या पढ़ सकता हो साक्षर (Literate) कहलाता है। 7 वर्ष और उससे अधिक आयु वाली कुल जनसंख्या में साक्षरों के प्रतिशत को जनसंख्या की साक्षरता दर कहते हैं।

साक्षरता दर = साक्षरों की संख्या / 7+ आयु वाली जनसंख्या x 100

5. दशकीय वृद्धि दर (Decadal Growth Rate): यह 10 वर्षों के मध्य जनसंख्या में हुई प्रतिशत वृद्धि को व्यक्त करता है।

दशकीय वृद्धि दर (DGR) = वर्तमान जनसंख्या पूर्व – जनसंख्या /पूर्व जनसंख्या x 100

6. शिशु मृत्यु दर शिशु मृत्यु दर प्रति हजार जीवित जन्मे शिशुओं की संख्या के अनुपात में 1 वर्ष से कम आयु वाले मृत शिशुओं की संख्या को दर्शाती है। यानी शिशु मृत्यु दर किसी वर्ष में प्रति 1000 जीवित जन्म पर उसी वर्ष में मृत शिशुओं की संख्या है

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2011 जनगणना से संबंधित प्रमुख आंकड़े

2011 ई. की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या 1,21,08,54,977 है, जिसमें 62,32,70,258(51.47%) पुरुष एवं 58,75,84,719 (48.53%) महिलाएं हैं।

2011 ई. जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या विश्व की कुल जनसंख्या का 17.5% है।

> जनसंख्या में वार्षिक वृद्धि दर 1.97% से घटकर 1.64% हो गयी है जबकि दशकीय वृद्धि दर 21.54%घटकर 17.7% गयी है। नगालैंड की दशकीय वृद्धि दर ऋणात्मक (-0.6%) रही।

जनसंख्या घनत्व 325 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी से बढ़कर 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी हो गया है।

लिंगानुपात 933 से बढ़कर 943 हो गया है।

शिशु लिंगानुपात (0-6 वर्ष) 927 से घटकर 918 हो गया।

जनसंख्या में साक्षर लोगों की संख्या 64.84% से बढ़कर 73% हो गयी है। पुरुष साक्षरता 75.26% से बढ़कर 80.9% एवं महिला साक्षरता 53.67% से बढ़कर 64.6% हो गयी।

ग्रामीण क्षेत्र में न्यूनतम साक्षरता दर वाला राज्य आन्ध्र प्रदेश (60.4%)

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शहरी क्षेत्र में न्यूनतम साक्षरता वाला राज्य उत्तर प्रदेश (75.1\%) हैं ।

ग्रामीण क्षेत्र में सर्वाधिक साक्षरता वाला राज्य केरल (93%%) है।

देश में अब तक पूर्ण साक्षर घोषित किये गये एक मात्र राज्य केरल है।

जनगणना 2011 ई. के अनुसार देश में अनुसूचित जाति (SC) के व्यक्तियों की कुल संख्या 20.14 करोड़ है जो देश की कुल जनसंख्या का 16.6% है। (2001 में यह 16.2% थी)

2011 ई. में अनुसूचित जातियों में लिंगानुपात 945 है।

2001 से 2011 ई. के दौरान देश में अनुसूचित जाति की दशकीय वृद्धि दर 20.8%, रही।

2011 ई. के जनगणना के अनुसार देश में अनुसूचित जनजाति (ST) के व्यक्तियों की कुल संख्या 10.43 करोड़ है जो देश की कुल जनसंख्या का 8.6% है। ( 2001 में यह 8.2% थी ) 2011 ई. में अनुसूचित जनजातियों (ST) का लिंगानुपात 990 है।

2001 से 2011 ई. के दौरान देश में अनुसूचित जनजातियों (ST) की दशकीय वृद्धि दर 23.7% रही।

जनगणना 2011 के अनुसार देश की कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या 31.2% है जबकि ग्रामीण जनसंख्या 68.86 है। उल्लेखनीय है कि 2001 में नगरीय जनसंख्या 27.8% तथा ग्रामीण जनसंख्या 72.2% थी।

राज्यों में सिक्किम की जनसंख्या सबसे कम है। इसकी जनसंख्या से कम जनसंख्या वाले चार केन्द्रशासित प्रदेश है—अंडमान एवं निकोबार, दादर एवं नगर हवेली, दमन व दीव एवं लक्षद्वीप यानी सिक्किम  > अंडमान एवं निकोबार > दादर व नगर हवेली > दमन व दीव लक्षद्वीप।

प्रमुख व्यक्ति से संबंधित महत्वपूर्ण स्थान

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जनसंख्या का वर्गीकरण

भारत मे सर्वाधिक जनसंख्या वाला  5 राज्य ( घटते क्रम में)

  1. उत्तर प्रदेश (16.51%)
  2. महाराष्ट्र (9.28%)
  3. बिहार (8.6%)
  4. पश्चिम बंगाल (7.54%)
  5. आन्ध्रप्रदेश (6.99%)

भारत के न्यूनतम जनसंख्याले पाँच राज्य (बढ़ते क्रम में )

  1. सिक्किम (0.05%)
  2. मिजोरम (0.09%)
  3. अरुणाचल प्रदेश (0.11%)
  4. गोवा (0.12%)
  5. नगालैंड (0.16%)

Note

(यानी सर्वाधिक जनसंख्या राज्य उत्तर प्रदेश (19,98,12,341) और न्यूनतम जनसंख्या वाला राज्य सिक्किम (6,10,577)

भारत की जनगणना 2011 PDF Download

FAQ

1. भारत की कुल कितनी जनसंख्या हैं ?

जनगणना रिपोर्ट 2011 के अनुसार भारत में कुल जनसंख्या 1,21,08,54,977 हैं जिसने से 62,32,70,258 (51.47%) पुरुष तथा 58,75,84,719 (48.53%) महिलाएँ हैं।

2. भारत में सर्वाधिक जनसंख्या किस राज्य में हैं ?

भारत से सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य उत्तर प्रदेश हैं जहां की कुल जनसंख्या 19,98,123,314 हैं अर्थात भारत की जनसंख्या का 16.51% जनसंख्या सिर्फ उत्तर-प्रदेश में हैं।

3. सबसे कम जनसंख्या वाला राज्य का नाम लिखें ?

सबसे कम जनसंख्या वाला राज्य सिक्किम हैं । जहां की कुल जनसंख्या 6,10,577 हैं।

4. किस राज्य में अनुसूचित जनजाति (ST) निवास नहीं करती हैं ?

हरियाणा और पंजाब में कोई भी अनुसूचित जनजाति ST निवास नही करती हैं ।

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Rakesh Prajapati

Rakesh Prajapati, a seasoned educator with five years of valuable teaching experience, brings a wealth of expertise to the field. Armed with a B.Ed degree, he possesses a strong foundation in pedagogical practices. Alongside his teaching role, Rakesh is the visionary founder of pdfstore.co.in, demonstrating not only his commitment to education but also his entrepreneurial spirit in making educational resources more accessible. His extensive experience and innovative contributions underscore his dedication to the field of education.

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