गुरुत्वाकर्षण बल किसे कहते हैं ( gurutvakarshan bal kise kahate hain batalye )

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gurutvakarshan bal kise kahate hain batalye :- यहाँ आप गुरुत्वाकर्षण बल के बारे में जानकारी का अध्ययन करेंगे जो अक्सर इससे संबंधित प्रश्न प्रतियोगिता परीक्षा में पूछे जाते है।

न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम (Newton’s Law of Gravitaion) :- किन्हीं दो पिण्डों के बीच कार्य करने वाला आकर्षण बल पिण्डों के द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच के दूरी की वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

Table of Contents

gurutvakarshan bal kise kahate hain batalye

गुरुत्व (Gravity) : न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के अनुसार दो पिंडों के बीच एक आकर्षण बल कार्य करता है। यदि इनमें से एक पिंड पृथ्वी हो तो इस आकर्षण-बल को गुरुत्व कहते हैं।

अर्थात्, गुरुत्व वह आकर्षण-बल है, जिससे पृथ्वी किसी वस्तु को अपने केन्द्र की ओर खींचती है। इस बल के कारण जो त्वरण उत्पन्न होता है, उसे गुरुत्व जनित त्वरण (g) कहते हैं, जिसका मान 9.8m/s2 होता है। गुरुत्व जनित त्वरण (g) वस्तु के रूप, आकार, द्रव्यमान आदि पर निर्भर करता है


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‘g’ के नाम मे परिवर्तन

  • पृथ्वी की सतह से ऊपर या नीचे जाने पर ‘g’ का मान घटता है।
  • पृथ्वी की ध्रुव पर ‘g’ का मान महत्तम होता हैं।
  • विषुवत रेखा पर ‘g’ का मान न्यूनतम होता है।
  • पृथ्वी के घूर्णन गति बढ़ने पर ‘g’ का मान कम हो होता हैं।
  • पृथ्वी की घूर्णन गति घटने पर ‘g’ का मान बढ़ जाता है

नोट: यदि पृथ्वी अपनी वर्तमान कोणीय चाल से 17 गुनी अधिक चाल से घूमने लगे तो भूमध्य रेखा पर रखी वस्तु का भार शून्य हो जायेगा । यानी वहाँ भारहीनता की स्थिति हो जाएगी। लेकिन ध्रुव पर g के मान में कोई परिवर्तन नहीं होगा। ऐसी स्थिति में दिन की अवधि 24 घंटे से घटकर 1.4 घंटे (84 मिनट) की हो जाएगी। यदि पृथ्वी अपनी अक्ष के परितः घूमना बंद कर दे तो g के मान में ध्रुवों को छोड़कर शेष सभी स्थानों पर वृद्धि हो जाएगी।

लिफ्ट में पिण्ड का भार (Weight of a body in lift) :

  • जब लिफ्ट ऊपर की ओर जाती है तो लिफ्ट में स्थित पिण्ड का भार बढ़ा हुआ प्रतीत होता है।
  • जब लिफ्ट नीचे की ओर जाती है तो लिफ्ट में स्थित पिण्ड का भार घटा हुआ प्रतीत होता है।
  • जब लिफ्ट एक समान वेग से ऊपर या नीचे गति करती है तो लिफ्ट में स्थित पिण्ड के भार में कोई परिवर्तन नहीं प्रतीत होता है।
  • यदि नीचे उतरते समय लिफ्ट की डोरी टूट जाए तो वह मुक्त
  • पिण्ड की भांति नीचे गिरती है। ऐसी स्थिति में लिफ्ट में स्थित
  • पिण्ड का भार शून्य होता है। यही भारहीनता की स्थिति है।
  • यदि लिफ्ट के नीचे उतरते समय लिफ्ट का त्वरण गुरुत्वीय त्वरण से अधिक हो तो लिफ्ट में स्थित पिण्ड उसकी फर्श से उठकर उसकी छत से जा लगेगा।

ग्रहों की गति से संबंधित केप्लर का नियम

1. प्रत्येक ग्रह सूर्य के चारों ओर दीर्घवृत्ताकार (elliptical) कक्षा में परिक्रमा करता है तथा सूर्य ग्रह की कक्षा के एक फोकस बिन्दु पर स्थित होता है।

2. प्रत्येक ग्रह का क्षेत्रीय वेग (areal velocity) नियत रहता है। इसका प्रभाव यह होता है कि जब ग्रह सूर्य के निकट होता है, तो उसका वेग बढ़ जाता है और जब वह दूर होता है, तो उसका वेग कम हो जाता है।

3. सूर्य के चारों ओर ग्रह एक चक्कर जितने समय में लगाता है,उसे उसका परिक्रमण काल (T) कहते हैं, परिक्रमण काल का वर्ग (t2) ग्रह की सूर्य से औसत दूरी (r) के घन (r3) के अनुक्रमानुपाती होता है,
अर्थात् सूर्य से अधिक दूर के ग्रहों का परिक्रमण काल भी अधिक होता है। उदाहरण- सूर्य के निकटतम ग्रह बुध का परिक्रमण काल 88 दिन है, जबकि दूरस्थ ग्रह वरुण (Neptune) का परिक्रमण 165 वर्ष है।

उपग्रह का कक्षीय चाल ( Orbital Speed of a Satellite )

1. उपग्रह का कक्षीय चाल उसकी पृथ्वी तल से ऊंचाई पर निर्भर करती हैं 

2. उपग्रह पृथ्वी तल से जितना अधिक दूरी होगा , उसकी उतना की चाल काम होगा 

3. उपग्रह की कक्षीय चाल उसके द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करती हैं | 

4. एक ही त्रिज्या के कक्षा में भिन्न-भिन्न द्रव्यमानों के उपग्रहों की चाल समान होगी 

नोट : पृथ्वी तल के अति निकट चक्कर लगाने डाले उपग्रह की कक्षीय चाल लगभग 8किमी/सेकेंट होता हैं

उपग्रह का परिक्रमा काल ( Period of Revolution of a Satellite ) : उपग्रह अपनी कक्षा में पृथ्वी का एक चक्कर जितने समय में गलते हैं , उसे उसका परिक्रमा काल कहते हैं |

उपग्रह का परिक्रमा काल ( Period of Revolution of a Satellite )

अतः परिक्रमा काल = कक्षा का परिधि/कक्षीय चाल

1. उपग्रह का परिक्रमा काल भी केवल उसकी पृथ्वी तल से ऊंचाई पर निर्भर करता हैं और उपग्रह जितना अधिक दूर होता हैं उतना की अधिक उसका परिक्रमा काल होता हैं

2. उपग्रह का परिक्रमा काल उसके द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता हैं

नोट : पृथ्वी के अति निकट चक्कर लगाने वाले उपग्रह का परिक्रमा काल 1 घंटा 24 मिनट होता हैं

भू-स्थायी उपग्रह

भू-स्थायी उपग्रह : ऐसा उपग्रह जो पृथ्वी के कक्ष के लम्बत तल में पश्चिम से पूरब की ओर पृथ्वी की परिक्रमा करता हैं तथा जिसका परिक्रमा काल पृथ्वी के परिक्रमा काल ( 24 घंटें ) के बराबर होता हैं , भू- स्थायी उपग्रह कहलाता हैं

यह उपग्रह पृथ्वी तल से लगभग ३६,000 किमी की ऊंचाई पर रहकर पृथ्वी का परिक्रमा करता हैं

भू-तुल्यकालिक कक्षा में संचार उपग्रह स्थानिज करने की संभावना सबसे पहले आर्थर सी. क्लार्क ने व्यक्त की थी |

पलायन वेग

पलायन वेग : पलायन वेग वह न्यूनतम वेग हैं जिसका किसी पिंड को पृथ्वी की सतह से ऊपर की ओर फेंके जाने पर वह गुरुत्वीय क्षेत्र को पार कर जाता हैं , पृथ्वी पर वापस नहीं आता हैं

पृथ्वी का पलायन वेग का मान 11.2km/s हैं

अर्थात पृथ्वी-तल से किसी वस्तू की दूरी को 11.२km/s या इससे अधिक वेग से ऊपर किसी भी दिशा जाये तो वस्तु पृथ्वी-तल पर वापस नहीं आता हैं

गुरुत्वाकर्षण प्रश्न उत्तर PDF

1. दो पिंडों के बिच लगाने वाले बल को क्या कहते हैं ?

उत्तर- गुरुत्वाकर्षण बल

2. गुरुत्वाकर्षण के नियम का प्रतिपादन किसने किया ?

उत्तर- न्यूनतन ने

3. वह आकर्षण बल क्या हैं जिससे पृथ्वी किसी वस्तु को अपनी केंद्र की ओर खींचती हैं ?

उत्तर- गुरुत्व

4. गुरुत्व जनित त्वरण का मान कितना होता हैं ?

उत्तर- 9.8 मीटर/ सेकेंट

5. गुरुत्व जनित त्वरण किस पर निर्भर करता हैं ?

उत्तर- वस्तु के रूप, आकार द्रव्यमान पर

6. पृथ्वी की सतह से ऊपर या निचे जाने पर ‘g’ के मान पर के मान पर क्या प्रभाव पड़ता हैं ?

उत्तर- g का मान घटता हैं

7. ‘g’ का मान सबसे अधिक कहाँ होता हैं ?

उत्तर- ध्रुवों पर

8. ‘g’ का मान सबसे कम कहाँ होता हैं ?

उत्तर- विषुवत रेखा पर

9. पृथ्वी की घूर्णन गति बढ़ने पर ‘g’ के मान पर क्या प्रभाव पड़ता हैं ?

उत्तर- g का मान कम हो जाता हैं

10. पृथ्वी के घूर्णन गति घटने पर ”g’ के मान पर क्या प्रभाव पड़ता हैं ?

उत्तर- g का मान बढ़ जाता हैं

11. यदि पृथ्वी अपनी वर्त्तमान कोणीय चाल से १७ गुना अधिक चाल से घूमने लेगे तो भूमध्य रेखा पर राखी वस्तु का भर कितना हो जायेगा ?

उत्तर- शून्य

12. जब लिफ्ट ऊपर की ओर जाती हैं तो लिफ्ट में स्थित पिंड का भार कैसा प्रतीति होता हैं ?

उत्तर- बड़ा हुआ

13. जब लिफ्ट निचे की ओर जाती हैं तो लिफ्ट में स्थित पिंड का भार कैसा प्रतीत होता हैं ?

उत्तर- घटा हुआ

14. जब लिफ्ट एक सामान वेग से ऊपर या निचे गति करती हैं तो लिफ्ट में स्थति पिंडो के भार में क्या परिवर्तन होता हैं ?

उत्तर- कोई परिवर्तन नहीं

15. यदि निचे उतरते समय लिफ्ट की डोरी टूट जाये तो वह मुक्त पिंड की भांति निचे गिरती हैं , ऐसी स्थिति में लिफ्ट में स्थित पिंड का भार कितना होता हैं ?

उत्तर- शून्य

16. गाहों की गति से संबंधित नियम किस वैज्ञानिक ने दिए ?

उत्तर- केप्लर

१७. किसी ग्रह के चारों ओर परिक्रमा करने वालें पिंड को उस ग्रह का क्या कहते हैं ?

उत्तर- उपग्रह

18. चन्द्रमा किसका एक उपग्रह हैं ?

उत्तर- पृथ्वी

१९. उपग्रह की कक्षीय चाल किस पर निर्भर करती हैं ?

उत्तर- द्रव्यमान पर

20. पृथ्वी तल के अति निकट चक्कर लगाने वाले उपग्रह की कक्षीय चाल लगभग कितनी होती हैं ?

उत्तर- 8 किमी/सेकेंट

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FAQ

पृथ्वी के अति निकट लगाने वाले उपग्रह की परिक्रमा काल कितना होता हैं ?

उत्तर – 1 घंटा २४ मिनट

उपग्रह अपनी कक्षा में पृथ्वी का एक चक्कर जितने समय लगता हैं उसे क्या कहते हैं ?

उत्तर- परिक्रमा काल

ऐसा उपग्रह जो पृथ्वी के अक्ष के लम्बत तल पश्चिम से पूरब की ओर पृथ्वी की परिक्रमा करता हैं तथा जिसका परिक्रमा काल पृथ्वी के परिक्रमा काल (२४ घंटे ) के बराबर होता हैं , क्या कहलाता हैं ?

उत्तर- भू-स्थायी उपग्रह

भू-स्थायी उपग्रह पृथ्वी पर कितनी ऊंचाई पर रकार परिक्रम करती हैं ?

उत्तर- ३६,000

भू-तुल्यकालिक कक्षा में संचार उपग्रह स्थापित करने की संभावना सबसे पहले किसने व्यस्त की ?

उत्तर- आर्थर सी क्लार्क

उस न्यूनतम वेग को क्या कहा जाता हैं जिस्क्से किसी पंडो को पृथ्वी की सतह से उपर की ओर फ्न्कें जाने पर वह गुरुत्वीय क्षेत्र को पर कर जाता हैं और पृथ्वी पर वापस नहीं आता हैं

पलायन वेग

पृथ्वी के लिए पलायन वेग का मान कितना होता हैं ?

उत्तर- 11.2 किमी/सेकेंट

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Rakesh Prajapati

Rakesh Prajapati, a seasoned educator with five years of valuable teaching experience, brings a wealth of expertise to the field. Armed with a B.Ed degree, he possesses a strong foundation in pedagogical practices. Alongside his teaching role, Rakesh is the visionary founder of pdfstore.co.in, demonstrating not only his commitment to education but also his entrepreneurial spirit in making educational resources more accessible. His extensive experience and innovative contributions underscore his dedication to the field of education.

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