15 अगस्त पर शायरी फोटो |15 august shayari photo |15 august shayari : best शायरी

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15 अगस्त पर शायरी फोटो |15 august shayari photo |15 august shayari :आजादी के 75 वें वर्ष के लिए आप महत्पूर्ण शायरी (speech ) को पढ़ेगें ,

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15 august shayari in hindi

अब तो मेरी कलम भी रो पड़ी है,
शहीदों की शहादत लिखते लिखते।

बच्चे बच्चे के दिल में कोई अरमान निकलेगा,
किसी के रहीम तो किसी के राम निकलेगा,
मगर उनके दिल को चीर के देखा जाए,
तो उसमें हमारा प्यारा हिन्दुस्तान निकलेगा।

दोस्तों… एक सैनिक ने क्या खूब कहा है…
किसी गजरे की खुशबू को महकता छोड़ आया हूँ, मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ, मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना… ऐ भारत माँ, मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ।

आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे बची हो जो एक बूंद भी लहू की तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे

मैं मुस्लिम हूँ, तू हिन्दू है, है दोनों इंसान, ला मैं तेरी गीता पढ़ लूँ, तू पढ़ ले कुरान, अपने त दिल में है दोस्त, बस एक ही अरमान, एक थाली में खाना खाए सारा हिन्दुस्तान.

15 august shayari

कुछ नशा तिरंगे की आन का हैं,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का हैं,
हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिन्दुस्तान की शान का हैं.

आजदी की कभी शाम नही होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नही होने देंगे,
बची हो जो इस बूँद भी गर्म लहू की,
तब तक भारत के आंचल नेलाम नही होने देंगे.

दे सलामी इस तिरंगे को
जिस से तेरी शान हैं,
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका
जब तक दिल में जान हैं

चाहता हूँ कोई नेक काम हो जाए,
मेरी हर साँस देश के नाम हो जाए,

हँसते-हँसते फाँसी चढ़कर अपनी जान गवा दी,
और बदले में दे दी ये पावन आजादी.

दिवाली में बसे “अली” रमजान में बसे “राम”
ऐसा सुंदर होना चाहिए अपना हिन्दुस्तान.

भारत का वीर जवान हूँ मैं,
ना हिन्दू, ना मुसलमान हूँ मैं,
जख्मो से भरा सीना हैं मगर,
दुश्मन के लिए चट्टान हूँ मैं,
भारत का वीर जवान हूँ मैं.

चलो फिर से खुद को जगाते हैं,
अनुशासन का डंडा फिर घुमाते हैं,
सुनहरा रंग हैं गणतंत्र का,
शहीदों के लहूँ से,
ऐसे शहीदों को हम सर झुकाते हैं.

उनके हौसले का भुगतान क्या करेगा कोई,
उनकी शहादत का कर्ज देश पर उधार हैं,
आप और हम इसलिए खुशहाल हैं
क्योकि सीमा पे सैनिक शहादत को तैयार हैं.

गूँजे कहीं पर शंख,
कही पे अजाँ हैं,
बाइबिल है, ग्रन्थ साहब है,
गीता का ज्ञान हैं,
दुनिया में खी और यह मंजर नसीब नही,
दिखाओ जमाने को यह हिन्दुस्तान हैं.

फिर उड़ गई नींद मेरी यह सोचकर,
कि जो शहीदों का बहा वो खून
मेरी नींद के लिए था.

अलग है भाषा, dharm, जात और प्रान्त, भेष, परिवेश
पर सबका एक है गौरव राष्ट्रध्वज तिरंगा श्रेष्ठ.
बस ये बात हवाओं को बताये रखना,
रौशनी होगी चिरागों को जलाए रखना,
लहू देकर भी जिसकी हिफाजत की शहीदों ने,
उस तिरंगे को सदा दिल में बसायें रखना.

यदि प्रेरणा शहीदों से नहीं लेंगे तो ये आजादी ढलती हुई साँझ हो जायेगी
और पूजे न गए, वीर तो सच कहता हूँ कि नौजवानी बाँझ हो जायेगी.

आओ झुककर सलाम करे उनको,
जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है,
खुशनसीब होते हैं वो लोग,
जिनका लहू इस देश के काम आता है.

गीले चावल में शक्कर क्या क्या गिरी,
तुम भिखारी खीर समझ बैठे,
चंद कुत्तो ने पाकिस्तान जिंदाबाद क्या बोला,
तुम कश्मीर को अपने बाप की ज़ागीर समझ बैठे.

लिपट कर बदन कई तिरंगे में आज भी आते हैं,
यूँ ही नहीं दोस्तों हम ये पर्व मनाते हैं.

ऐ पाक, तेरा ख़्वाब नजारा ही रहेगा,
तू क़िस्मत का मारा है मारा ही रहेगा,
तेरे हर सवाल का जबाब करारा ही रहेगा,
कश्मीर हमारा हैं और हमारा ही रहेगा.

तीन रंग का नही वस्त्र, ये ध्वज देश की शान हैं,
हर भारतीय के दिलो का स्वाभिमान हैं,
यही है गंगा, यही हैं हिमालय, यही हिन्द की जान हैं,
और तीन रंगों में रंगा हुआ ये अपना हिन्दुस्तान हैं.

शहीदों के त्याग को हम बदनाम नही होने देंगे,
भारत की इस आजादी की कभी शाम नही होने देंगे.

तिरंगे ने मायूस होकर “सरकार” से पूछा कि ये क्या हो रहा हैं,
मेरा लहराने में कम और कफन में ज्यादा इस्तेमाल हो रहा हैं.

दाबोगे अगर और उभर आयेगा भारत,
हर वार पर कुछ और निखर जायेगा भारत
दस-बीस जाहिलों को ग़लतफ़हमी हुई है,
दो-चार धमाको से ही डर जायेगा भारत.

15 august shayari

दाबोगे अगर और उभर आयेगा भारत,
हर वार पर कुछ और निखर जायेगा भारत
दस-बीस जाहिलों को ग़लतफ़हमी हुई है,
दो-चार धमाको से ही डर जायेगा भारत.

अगर माटी के पुतले देह में ईमान जिन्दा हैं,
तभी इस देश की समृद्धि का अरमान जिन्दा हैं,
ना भाषण से है उम्मीदें ना वादों पर भरोसा हैं,
शहीदों की बदौलत मेरा हिन्दुस्तान जिन्दा है.

दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगें,
आजाद हैं और आजाद ही रहेंगें.

अनेकता में एकता ही इस देश की शान हैं,
इसलिए मेरा भारत देश महान हैं

अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नही !
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नही!

मैं जला हुआ राख नही, अमर दीप हूँ,
जो मिट गया वतन पर, मैं वो शहीद हूँ

भारत की फ़जाओं को सदा याद रहूँगा,
आज़ाद था, आज़ाद हूँ, आज़ाद रहूँगा

ये पेड़ ये पत्ते ये शाखें, भी परेशान हो जाएँ,
अगर परिंदे भी हिन्दू और मुसलमान हो जाएँ.

कहते हैं अलविदा हम अब इस जहान को,
जा कर ख़ुदा के घर से अब आया न जाएगा,
हमने लगाई आग हैं जो इंकलाब की,
इस आग को किसी से बुझाया ना जाएगा.

खूब बहती हैं अमन की गंगा बहने दो,
मत फैलाओ देश में दंगा रहने दो,
लाल हरे रंग में ना बाटो हमको,
मेरे छत पर एक तिरंगा रहने दो.

शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पे मरने वालो का यही बाकि निशां होंगा.

आन देश की शान देश की, देश की हम संतान हैं,
तीन रंगों से रंगा तिरंगा अपनी ये पहचान हैं.

चढ़ गये जो हँसकर सूली, खाई जिन्होंने सीने पर गोली,
हम उनको प्रणाम करे हैं, जो मिट गये देश पर,
हम सब उनको सलाम करते हैं.

शम्मा-ए-वतन की लौ पर जब कुर्बान पतंगा हो,
होठों पर गंगा हो और हाथों में तिरंगा हो.

लिख रहा हूँ मैं अंजाम, जिसका कल आगाज आएगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा.

दिल से मर कर भी ना निकलेगी वतन की उल्फ़त,
मेरे मिट्टी से भी खुशबू-ए-वतन आएगी.

जिसे सींचा लहू से है वो यूँ खो नहीं सकती,
सियासत चाह कर विष बीज हरगिज बो नहीं सकती,
वतन के नाम पर जीना वतन के नाम मर जाना,
शहादत से बड़ी कोई इबादत हो नहीं सकती.

जो अब तक ना खौला वो खून नही पानी हैं,
जो देश के काम ना आये वो बेकार जवानी हैं

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में हैं,
देखना हैं जोर कितन बाजू-ए-कातिल में हैं,
वक्त आने दे बता देंगे तुझे ए आसमां,
हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में हैं.


सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में हैं,
देखना हैं जोर कितन बाजू-ए-कातिल में हैं,
वक्त आने दे बता देंगे तुझे ए आसमां,
हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में हैं.

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में हैं,
देखना हैं जोर कितन बाजू-ए-कातिल में हैं,
वक्त आने दे बता देंगे तुझे ए आसमां,
हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में हैं.


लड़ें वो बीर जवानों की तरह,
ठंडा खून फ़ौलाद हुआ,
मरते-मरते भी की मार गिराए,
तभी तो देश आज़ाद हुआ.

किसी को लगता हैं हिन्दू ख़तरे में हैं,
किसी को लगता मुसलमान ख़तरे में हैं,
धर्म का चश्मा उतार कर देखो यारों,
पता चलेगा हमारा हिंदुस्तान ख़तरे में हैं.


है नमन उनको कि जो यशकाय को अमरत्व देकर,
इस जगत में शौर्य की जीवित कहानी हो गये हैं,
है नमन उनको जिनके सामने बौना हिमालय,
जो धरा पर गिर पड़े पर आसमानी हो गये हैं.


उन आँखों की दो बूंदों से सातों सागर हारे हैं,
जब मेहँदी वाले हाथों ने मंगल-सूत्र उतारे हैं.



उन आँखों की दो बूंदों से सातों सागर हारे हैं,
जब मेहँदी वाले हाथों ने मंगल-सूत्र उतारे हैं.


कुछ पन्ने इतिहास के
मेरे मुल्क के सीने में शमशीर हो गएँ,
जो लड़े, जो मरे वो शहीद हो गएँ,
जो डरे, जो झुके वो वजीर हो गएँ.

15 august shayari


चिंगारी आजादी की सुलगी मेरे जश्न में हैं,
इन्कलाब की ज्वालाएं लिपटी मेरे बदन में हैं,
मौत जहाँ जन्नत हो ये बात मेरे वतन में हैं,
कुर्बानी का जज्बा जिन्दा मेरे कफन में हैं.


कुछ पन्ने इतिहास के
मेरे मुल्क के सीने में शमशीर हो गएँ,
जो लड़े, जो मरे वो शहीद हो गएँ,
जो डरे, जो झुके वो वजीर हो गएँ.


एक दिया उनके भी नाम का
रख लो पूजा की थाली में,
जिनकी सांसे थम गई हैं
भारत माँ की रखवाली में।

.सरहद तुम्हें पुकारे तुम्हें आना ही होगा,
कर्ज अपनी मिट्टी का चुकाना ही होगा,
दे करके कुर्बानी अपने जिस्मो-जां की,
तुम्हे मिटना भी होगा मिटाना भी होगा।.


अब तो मेरी कलम भी रो पड़ी है,
शहीदों की शहादत लिखते लिखते।


बच्चे बच्चे के दिल में कोई अरमान निकलेगा,
किसी के रहीम तो किसी के राम निकलेगा,
मगर उनके दिल को चीर के देखा जाए,
तो उसमें हमारा प्यारा हिन्दुस्तान निकलेगा।


नहीं सिर्फ जश्न मनाना, नहीं सिर्फ झंडे लहराना,
ये काफी नहीं है वतन पर, यादों को नहीं भुलाना,
जो कुर्बान हुए उनके लफ़्ज़ों को आगे बढ़ाना,
खुदा के लिए नही ज़िन्दगी वतन के लिए लुटाना,
हम लाएं है तूफ़ान से कश्ती निकाल के,
इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के….||



आज शहीदों ने है तुमको, अहले वतन ललकारा,
तोड़ो गुलामी की जंजीरें, बरसाओ अंगारा,
हिन्दू-मुस्लिम-सिख हमारा, भाई-भाई प्यारा,
यह है आजादी का झंडा, इसे सलाम हमारा ||
Indian Republic day 2022 की शुभकामनाये.


तैरना है तो समंदर में तैरो
नदी नालों में क्या रखा है,
प्यार करना है तो वतन से करो
इस बेवफ़ा लोगों में क्या रखा है ||
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं.

15 august shayari

दाग गुलाम का धोया है जान लुटा कर,
दीप जलाये है कितने दीप भुझा कर,
मिली है जब यह आज़ादी तो फिर इस आज़ादी को…
रखना होगा हर दुश्मन से आज बचाकर ||
हैप्पी रिपब्लिक डे…



चलो फिर से खुद को जागते है,
अनुसासन का डंडा फिर घुमाते है,
सुनहरा रंग है गणतंत्र का सहिदो के लहू से,
ऐसे सहिदो को हम सब सर झुकाते है ||
आपको गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.


अलग है भाषा, धर्म जात और प्रान्त, भेष, परिवेश
पर हम सब का एक है गौरव राष्ट्रध्वज तिरंगा
श्रेष्ठ गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ||
15 august shayari15 august shayari


भारत के गणतंत्र का, सारे जग में मान,
दशकों से खिल रही, उसकी अद्भुत शान,
सब धर्मो को देकर मान रचा गया इतिहास का,
इसलिए हर देशवासी को इसमें है विश्वास ||
गणतंत्र दिवस की ढ़ेरो शुभकामनाए.



जमाने भर में मिलते है आशिक कई,
जमाने भर में मिलते है आशिक कई,
मगर वतन से खुबसूरत कोई सनम नही होता ||



आओ झुक कर सलाम करे उनको,
जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है,
खुशनसीब होता है वो खून जो देश के काम आता है…..!!



चलो फिर से आज वो नजारा याद करले,
चलो फिर से आज वो नजारा याद करले,
शहीदों के दिलो में थी जो वो ज्वाला याद करले,
जिसमे बहकर आजादी पहुची थी किनारे पे,
जिसमे बहकर आजादी पहुची थी किनारे पे,
देशभक्ति के खून की वो धारा याद करले ||

15 august shayari

वतन हमारा ऐसे न छोर पाए कोई,
वतन हमारा ऐसे न छोर पाए कोई,
रिश्ता हमारा ऐसा ना तोड़ पाए कोई,
दिल है हमारे एक है, एक है हमारी जान,
दिल है हमारे एक है, एक है हमारी जान,
हिन्दुस्तान हमारा है हम है इसकी शान ||


मेरे हर कतरे-कतरे में, हिन्दुस्थान लिख देना,
और जब मोत हो, तन पे, तीरंगे का कफन देना,
यही खुवाहिश खुदा हर जन्म हिन्दुस्तान वतन देना,
अगर देना तो दिल में देशभक्ति का चलन देना ||


खुशनसीब है वो जो वतन पर मिट जाते है,
मर कर भी वो लोग अमर हो जाते हैं,
करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पर मिटने वालों
तुम्हारी हर साँस में बसता तिरंगे का नसीब है ||


मै भारत बरस का हरदम अमित सम्मान करता हूँ,
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नही है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ ||

15 august shayari
मैं इसका हनुमान हूँ,
ये देश मेरा राम है,
छाती चीर के देख लो,
अन्दर बैठा हिन्दुस्तान है ||
|| जय हिंदी जय भारत ||


ना जियो घर्म के नाम पर,
ना मरों घर्म के नाम पर,
इंसानियत ही है धर्म वतन का,
बस जियों वतन के नाम पर ||
|| भारत माता की जय ||


इतनी सी बात हवाओ को बताये रखना,
रौशनी होगी विरागो को जलाए रखना,
लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने,
ऐसे तिरंगे को हमेशा अपने दिल में बसाए रखना ||
जय हिन्द जय भारत…15 august shayari


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Rakesh Prajapati

Rakesh Prajapati, a seasoned educator with five years of valuable teaching experience, brings a wealth of expertise to the field. Armed with a B.Ed degree, he possesses a strong foundation in pedagogical practices. Alongside his teaching role, Rakesh is the visionary founder of pdfstore.co.in, demonstrating not only his commitment to education but also his entrepreneurial spirit in making educational resources more accessible. His extensive experience and innovative contributions underscore his dedication to the field of education.

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