भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान
1.भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति का गठन किसने और कब किया?
उत्तर-प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. विक्रम सारा भाई ने 1962 में किया
2. भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति का पुनर्गठन कब हुआ? और इसे किसके रूप में परिवर्तन किया गया?
उत्तर-भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुशंधान समिति का पुनर्गठन 15 अगस्त,1969 में किया गया,ऐसे ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के रूप में परिवतिर्त किया गया
3.अंतरिक्ष आयोग व अंतरिक्ष विभाग का गठन कब हुआ?
उत्तर-1972 मे
4.विक्रम सारा भाई अंतरिक्ष केंद्र,तिरुवनपुरम(VSSC) के बारे में क्या जानते है?
उत्तर- यह केंद्र रॉकेट अनुसंधान तथा प्रेक्षपन-यान विकास बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने में अग्रणी भूमिका निभाती है,
अभी तक के सभी प्रक्षेपण यानों यथा-एस. एल.वी.-3(SLV-3), ए. एस. एल.वी.(ASLV), पी.एस.एल.वी.(PSLV), एवं जी.एस. एल.वी.(PSLV) को इसी केंद्र में विकास किया गया
5.इसरो उपग्रह केंद्र,बंगलुरु (ISAC) के बारे में क्या जानते है?
उत्तर-इस केंद्र में उपग्रह परियोजनाओं के डिजाइन,निर्माण,परीक्षण और प्रबंध कार्य सम्पन्न किये जाते है
उत्तर-इस केंद्र के प्रमुख कार्यो में दूरसंचार व टेलीविजन में उपग्रह का प्रयोग ,प्रकृतिक संसाधनों का सर्वेक्षण और प्रबंध के लिए दूरसंवेदना,मौसम विज्ञान ,भू-मापन ,पर्यावरण पर्यवेक्षण आदि शामिल है
7.शार(SHAR) केंद्र,श्रीहरिकोटा के बारे में क्या जानते है?
उत्तर-यह इसरो का प्रमुख प्रक्षेपण केंद्र है,जो आंध्रप्रदेश के पूर्वी तट पर स्थित है,इस केंद्र में भारतीय प्रक्षेपण यान के ठोस ईंधन रॉकेट के विभन्न चरणों का पृथ्वी पर परिक्षण तथा प्रणोदय का प्रसंस्करण भी किया जाता है
8.द्रव प्रणोदक प्रणाली केंद्र(LPSC) के बारे में क्या जानते है?
उत्तर-तिरुववनपुरम,बंगलूर और महेंद्रगिरी(तमिलनाडु) में इस कैन्द्र की शाखाऍं है,यह केंद्र इसरो के उपग्रह प्रक्षेपण यानों और उपग्रहों के लिए द्रव ईंधन चलने वाली चालक नियंत्रण प्रणालियों इंजनों के डिजाइन,विकास और आपूर्ति के लिए कार्यरत है,महेन्द्रगिरि में द्रव इंधनसे चलने वाले उपग्रहों और रॉकेट इंजनों की परीक्षण सुविधा उपलब्ध है